stock market एक ऐसी जगह है! जहा हम कंपनी में invest करते है! स्टॉक मार्किट दो टाइप के शेयर होते है! पहला BSE और दूसरा NSE इन दोनों में जयादा कोई अंतर नहीं होता है! बस इसमें price में अंतर होता है! जैसे की किसी में आपको कोई स्टॉक 10.50 का मिलेगा तो किसी में 10.60 का होगा! अगर उदहारण की बात करे तो मान लीजिये की कोई सब्जीमंडी है जहा पर आप कोई सब्जी जैसे आलू खरीदने गए है! वंहा पर दो दुकानदार है जिसमे एक दुकानदार 40 रुपये में १ किलो आलू दे रहा है! और वही दूसरा दुकानदार वही आलू 42 रुपये में 1 किलो दे रहा है! बस NSE और BSE में भी इतना ही अंतर है! इसमें सब्जीमंडी हमारा स्टॉक मार्किट है! जहा पर हम स्टॉक खरीदते है! और दुकानदार यहाँ पर BSE और NSE है!
BSE में हम जितने भी स्टॉक को खरीदते है! वो स्टॉक जिस जगह पर स्टोर होते है उस जगह को हम CDSL बोलते है! जिसका फुल फॉर्म Central Depository Services Limited है! और NSE में हम जितने भी स्टॉक को खरीदते है! वो सभी स्टॉक जहा पर जमा होते है उस जगह को NDSL बोलते है! जिसका फुल फॉर्म National Securities Depository Limited है!
Investment and treding
Investment एक ऐसा तरीका है जिसमें हम अपने पैसे से काफी अच्छे पैसे कमा सकते है। इसमें हमारे पास काफी कम टाइम होता है। इस लिए इसमें रिस्क ज्यादा होता है। ओर हमें इसमें पैसे इन्वेस्ट करने से पहले कंपनी की पूरी डिटेल्स निकालने पड़ती है। अगर हम इसमें अच्छी इन्वेस्टमेंट के साथ पैसे इन्वेस्ट करते है तो हम इससे अच्छे पैसे कमा सकते है।
Treding ये एक ऐसा तरीका है जिसमें हम कम समय में काफी अच्छा पैसा कमा सकते है। लेकिन इसमें रिस्कन काफी ज्यादा होता है। क्योंकि इसमें टाइम कम होता है। ट्रेडिंग में हम पूरी तरह से चार्ट पैटर्न पर निर्भर होते है। अगर हम मार्केट की अच्छी जानकी रखते है और चार्ट का प्रॉपर ध्यान रखते है तो हम इससे भी काफी अच्छे पैसे कमा सकते है।
Type of treding
Treding में हम तीन तरीके से ट्रेडिंग करते है।
- Intraday :- इसमें हम शेयर को सुबह जब मार्केट खुलता है तब से मार्केट बंद होने तक ट्रेड को होल्ड करते है। उसके बाद मार्केट बंद होने से पहले हमारे सारे शेयर मार्केट बंद होने से पहले exit हो जाते है।
- Swing :- इसमें हम कंपनी के शेयर को एक से दो दिन के लिए होल्ड करते है। जिस दिन हमने शेयर को होल्ड किया है उस दिन से हम एक्सपायरी तक शेयर को होल्ड करते है।
- Positional :- इसमें हम कंपनी के शेयर को लंबे समय तक होल्ड कर सकते है। इसमें टाइम की कोई लिमिट नहीं होती है। हम इसमें अपने शेयर को कभी भी बेच सकते है। अगर हम इन्वेस्टमेंट करते है तो हम इसी तरीके का इस्तेमाल करते है। क्योंकि इसमें hm शेयर को लंबे समय तक होल्ड करते है।
Style of treding
ट्रेडिंग तीन टाइप के होते है।
- Equity :- इसमें हम कंपनी के शेयर को खरीदते है। ओर इसे चाहे तो लंबे समय तक होल्ड कर सकते है। Equity treding में हम तीनों टाइप की ट्रेडिंग कर सकत है।
- Optinal :- इसमें हम कंपनी के price action को खरीदते है। ओर इसमें रिस्क भी काफी ज्यादा होता है। इसमें हम सिर्फ दो टाइप की ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें हम positional ट्रेडिंग नहीं कर सकते है। क्योंकि इसमें हमे अपने प्राइस एक्शन को एक्सपायरी के पहले बेचना पड़ता है।
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